दरभंगाबिहार

दरभंगा में जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला शुरू, डीएम ने किया उद्घाटन

दरभंगा में जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला हुआ, किसानों को आधुनिक यंत्र और सरकारी अनुदान की जानकारी प्रदान की गई।

दरभंगा, 29 दिसंबर 2025।
संयुक्त कृषि भवन, बहादुरपुर, दरभंगा के प्रांगण में जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का भव्य शुभारंभ किया गया। मेले का विधिवत उद्घाटन जिला पदाधिकारी दरभंगा श्री कौशल कुमार ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में किसानों की उपस्थिति ने आयोजन की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह मेला किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी देने और सरकारी अनुदान का लाभ पारदर्शी ढंग से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु किसानों का चयन लॉटरी प्रणाली से किया जाता है। इस वर्ष जिले में 3800 किसानों ने आवेदन किया था, जिनमें से 1200 किसानों का चयन अनुदान के लिए किया गया है। शेष 2600 आवेदनों के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी को विभाग को प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में कृषि यांत्रिकरण की मांग तेजी से बढ़ रही है और किसान आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने किसान सलाहकार, एटीएम एवं बीटीएम को प्रत्येक पंचायत में साप्ताहिक किसान गोष्ठी आयोजित करने और प्रतिदिन 100 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही पराली प्रबंधन से जुड़े यंत्रों के अधिक उपयोग पर बल दिया।

मेले में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु ट्रैक्टर की डेमो चाबी का वितरण, चयनित किसानों को कृषि यंत्र किट प्रदान की गई तथा विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विभाग द्वारा बुआई से भंडारण तक 91 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। पहले दिन लगभग 10 लाख रुपये मूल्य के कृषि यंत्रों की बिक्री दर्ज की गई।

इस अवसर पर छह किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु लॉटरी से परमिट तथा चार किसानों को पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर परमिट दिया गया। यह मेला 30 दिसंबर 2025 तक चलेगा। कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष, जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि अभियंत्रण व शस्य निदेशालय के अधिकारी, कृषि समन्वयक, यंत्र विक्रेता एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

Sitesh Choudhary

समंदर हूँ, तू शौक से मोती तलाश मुझमें, कुछ भी नहीं रखता, सब किनारे लगा देता हूँ।चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता, लेकिन, गिरती हुई दीवारों का हमदर्द हूँ।
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